पिछले १०-१५ वर्षों से वास्तु हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चूका है। वास्तु को ले कर लोग इतने जागरूक हो चुके है की आज वो छोटी से छोटी संपत्ति खरीदने से पहले उसके वास्तु का निरक्षण करवाते हैं। मैंने अपने २० सालों की सेवा के दौरान इस बदलाव को देखा है। आज वो चाहे युवा हो या वृद्ध, शहर से हो या गाँव से,हर व्यक्ति अपने घर, दूकान इत्यादि को वास्तु के अनुरूप बनाना चाहता है। वास्तु के प्रभाव को महसूस किया जा सकता है पर इसका प्रभाव कुछ समय के बाद ही दीखता है। आइये हम जानने की कोशिश करें की क्यों और कब हमे वास्तु से सम्बंधित परामर्श लेना चाहिए :-
१- यदि काफी परिश्रम के बाद भी परिणाम अनुकूल नहीं आ रहे हो।
२- व्यापार में बिना किसी वजह के ही नुकसान हो रहा हो।
३- बेटे/बेटी की शादी में विलम्ब हो रहा हो।
४- घर का कोई भी अथवा कई लोग लगातार बिमारियों से ग्रसित हों।
५- मन हमेशा अशांत रहने लगे, नकारात्मक विचार आने लगे।
६- बच्चों को पढाई में मन नहीं लगता हो।
७- आपसी रिश्तों में तनाव रहने लगे।
८- बिना किसी बात के ही घर में मन मुटाव होने लगे।
९- अपयश की शिकायत हो।
१०-फैक्ट्री में लगातार टूट-फुट हो रही हो।
११- पार्टनर्स में मनमुटाव रहने लगे।
१२-लगातार अनिंद्रा की शिकायत हो
इसी प्रकार किसी भी तरह की परेशानी हो जिसकी कोई ठोस वजह नहीं समझ में आ रही हो तो एक बार अपने वास्तु की जांच अवश्य करवाएं। आज कल कोई भी व्यक्ति वास्तु की थोड़ी जानकारी हासिल करके परामर्श देने लगता है। इस तरह के परामर्श से बचना चाहिए। लोग आज कल इंटरनेट, गूगल के माध्यम से वास्तु की जानकारी हासिल करके उसको प्रयोग में लाना चाहते है। पर आपको इससे बचना चाहिए। कई लोगो द्वारा वास्तु से सम्बंधित कई प्रकार के भ्रम भी पैदा किये जाते है ताकि आप उससे डर कर उनकी बातों को मान लें। अगर आपको लगता है की आपके घर में वास्तु दोष है तो आप किसी भी अनुभवी वास्तु सलाहकार की सेवा का लाभ उठा सकते है। आज कल वास्तु दोष का निवारण बिना किसी तोड़-फोड़ वास्तु दोष का निवारण बिना किसी तोड़-फोड़ के भी संभव है। अब आप अपने घर को वास्तु के अनुरूप बना के कई प्रकार की कठिनाइयों से बच सकते है और अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं।